Vaikhasi Vishakam

वैशाखी विशाखम त्योहार भारतीय विरासत में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व का महत्व विशेष रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों में है, जैसे कि तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, और कर्नाटक में। यह पर्व हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है और इसे वैशाखी विशाखम के नाम से भी जाना जाता है।
वैशाखी विशाखम का मुख्य उद्देश्य भगवान विष्णु की पूजा और उनकी आराधना करना है। इस दिन लोग विष्णु भगवान के मंदिरों में जाते हैं और उन्हें पूजा-अर्चना करते हैं। यह एक पावन दिन माना जाता है, जब भक्त अपने दिव्य आदर्शों की स्मृति में लिपट जाते हैं और उनकी कृपा की कामना करते हैं।
इस दिन को मनाने के साथ-साथ, लोग अपने घरों को सजाते हैं और उन्हें दिव्य आभूषणों से सजाते हैं। भगवान विष्णु की मूर्तियों को सजा-सजाकर उनकी पूजा करते हैं और उन्हें फल, फूल, और बालेरियाँ चढ़ाते हैं। धार्मिक गाने, आरती, और प्रार्थनाएँ भगवान की महिमा गाती हैं और पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं।
वैशाखी विशाखम के दिन लोग अपने द्वार-दर्शन के साथ-साथ दान भी करते हैं। विभिन्न दान कार्यक्रमों में भाग लेने के साथ, उन्होंने गरीबों और बेसहारों को भोजन, वस्त्र, धन, और अन्य आवश्यक वस्त्र सामग्री प्रदान करने का प्रयास किया जाता है।
वैशाखी विशाखम का महत्व धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से उत्कृष्ट है। यह पर्व विशेष रूप से भगवान विष्णु के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, जो उनके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की कामना करते हैं। इस अवसर पर, लोग अपने धार्मिक और आध्यात्मिक अर्थ को समझते हैं और उसे अपने जीवन में लागू करने का संकल्प करते हैं। इस दिन को मनाकर, वे अपने आत्मा की शुद्धि और अद्वितीयता की ओर अग्रसर होते हैं।

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